गलसुआ (Mumps) का घरेलू उपचार।

गलसुआ (Mumps) एक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से लार ग्रंथियों को प्रभावित करता है, जिससे गालों और जबड़ों में सूजन, बुखार, और दर्द होता है। यह संक्रमण संक्रमित व्यक्ति की लार के संपर्क में आने से फैलता है। हालांकि गाल्सुआ आमतौर पर 7-10 दिनों में ठीक हो जाता है।

गलसुआ, जिसे अंग्रेजी में मम्प्स (Mumps) कहा जाता है, एक वायरल संक्रमण होता है जो मुख्य रूप से लार ग्रंथियों को प्रभावित करता है। यह संक्रमण बच्चों और युवाओं में अधिक होता है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है। गलसुआ के लक्षणों में गाल और जबड़े के आसपास सूजन, बुखार, सिरदर्द, और मांसपेशियों में दर्द होता हैं। 

Mumps तेजी से फैलता है और इसके कारण व्यक्ति को काफी तकलीफ हो सकती है। समय पर इलाज और कुछ घरेलू उपायों का उपयोग करके इसकी तकलीफ को कम किया जा सकता है। इस आर्टिकल में, हम गलसुआ के कुछ असरदार घरेलू उपचारों के बारे में जानेंगे जो इसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

गलसुआ (Mumps) क्या है?

गलसुआ, जिसे मम्प्स के नाम से भी जाना जाता है, एक वायरल संक्रमण है जो पैरामाइक्सोवायरस (Paramyxovirus) के कारण होता है। यह मुख्य रूप से लार ग्रंथियों को प्रभावित करता है, जो चेहरे के दोनों तरफ, कानों के नीचे स्थित होती हैं। इस संक्रमण के कारण ग्रंथियों में सूजन और दर्द होता है, जिससे चेहरे का निचला हिस्सा सूजा हुआ दिखाई देने लगता है।

गलसुआ के संक्रमण का प्रसार संक्रमित व्यक्ति की लार के संपर्क में आने से होता है, जैसे कि खांसने, छींकने, या किसी संक्रमित वस्तु के संपर्क में आने से। यह बीमारी आमतौर पर बच्चों और कम उम्र के लोगो में पाई जाती है, लेकिन यह वयस्कों को भी प्रभावित कर सकती है, विशेषकर उन लोगों को जो बचपन में टीका नहीं लगवाते हैं।

गलसुआ के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, भूख में कमी, और गले में खराश शामिल हैं। हालांकि, गलसुआ के मामले में अधिकांश लोग बिना किसी गंभीर दिक्कत के ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह संक्रमण शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है, जैसे कि अंडकोष, अंडाशय, या मस्तिष्क। इसलिए, गलसुआ के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, और समय पर उचित चिकित्सा देखभाल और घरेलू उपचार का सहारा लेना चाहिए।

Galsua ka Gharelu Upchar.

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गलसुआ एक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से लार ग्रंथियों को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में गालों और जबड़ों में सूजन, बुखार, और मांसपेशियों में दर्द शामिल हो सकते हैं। यहां कुछ घरेलू उपचार हैं जो गलसुआ के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं:

  1. तुलसी के पत्ते – तुलसी के पत्ते एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं। इन्हें चबाने या तुलसी का रस निकालकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से सूजन में राहत मिल सकती है।
  2. हल्दी और दूध – हल्दी में एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। हल्दी का एक चम्मच दूध में मिलाकर रोजाना पीने से संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
  3. लौंग का तेललौंग का तेल सूजन को कम करने और दर्द को राहत देने में सहायक हो सकता है। प्रभावित क्षेत्र पर लौंग का तेल लगाएं।
  4. अदरक – अदरक का रस और शहद मिलाकर सेवन करने से गलसुआ के लक्षणों में आराम मिल सकता है। अदरक की सूजन कम करने वाली विशेषता इसे एक उत्कृष्ट घरेलू उपाय बनाती है।
  5. पानी की गर्म पट्टी – प्रभावित क्षेत्र पर पानी की गर्म पट्टी रखने से सूजन और दर्द में आराम मिलता है। इसे दिन में 2-3 बार 10-15 मिनट के लिए करें।
  6. आयुर्वेदिक काढ़ा – तुलसी, अदरक, हल्दी, और लौंग का काढ़ा बनाकर सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है।

Galsua Ka Gharelu Upchar करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें, विशेषकर यदि लक्षण गंभीर हों या स्थिति में सुधार न हो रहा हो।

गलसुआ के लक्षण और संक्रमण से बचाव ।

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लक्षण: गलसुआ (Mumps) के लक्षण अक्सर संक्रमण के 2-3 सप्ताह बाद दिखाई देने लगते  हैं और इनमें निम्न लक्षण शामिल हो सकते हैं:

  1. गालों और जबड़ों में सूजन: लार ग्रंथियों में सूजन के कारण गाल और जबड़ों का हिस्सा सूज जाता है, जिससे चेहरा फूला हुआ दिखाई देता है। यह सूजन एक या दोनों तरफ हो सकती है।
  2. बुखार: हल्का या तेज बुखार होना गलसुआ के सामान्य लक्षण है।
  3. सिरदर्द: बुखार के साथ सिरदर्द महसूस होना भी इस संक्रमण का हिस्सा है।
  4. गले में खराश और निगलने में कठिनाई: सूजन के कारण गले में खराश और निगलने में दर्द या कठिनाई हो सकती है।
  5. थकान और मांसपेशियों में दर्द: शरीर में थकान और मांसपेशियों में दर्द भी महसूस हो सकता है।
  6. भूख में कमी: खाने की इच्छा कम हो जाती है, जिससे व्यक्ति कमजोर महसूस कर सकता है।
  7. कानों में दर्द: कान के पास सूजन के कारण कानों में दर्द या असहजता महसूस हो सकती है।

संक्रमण से बचाव : गलसुआ का मुख्य कारण पैरामाइक्सोवायरस (Paramyxovirus) नामक वायरस है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की लार के संपर्क में आने से फैलता है। यह निम्नलिखित तरीकों से फैल सकता है:

  1. खांसना या छींकना: गलसुआ से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा में वायरस फैलता है, जिससे आसपास के लोग संक्रमित हो सकते हैं।
  2. संक्रमित वस्तुओं का उपयोग: अगर कोई व्यक्ति गलसुआ से संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई वस्तुओं, जैसे कि तौलिया, रुमाल, या बर्तन का उपयोग करता है, तो वायरस फैल सकता है।
  3. सीधा संपर्क: संक्रमित व्यक्ति के साथ सीधा संपर्क, जैसे कि हाथ मिलाना या चूमना (kiss) , भी इस वायरस को फैलाने का कारण बन सकता है।

गलसुआ का संक्रमण उन लोगों में अधिक आम है जिन्हें बचपन में MMR (Measles, Mumps, Rubella) वैक्सीन नहीं दिया गया है। टीकाकरण न होने के कारण व्यक्ति इस वायरस के प्रति संवेदनशील हो सकता है, जिससे संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।

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गलसुआ के दौरान क्या करें और क्या न करें।

क्या करेंक्या न करें
पर्याप्त आराम करें: शरीर को पर्याप्त आराम दें ताकि संक्रमण से लड़ने में मदद मिल सके।संक्रमण फैलाने से बचें: संक्रमण के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।
पानी और तरल पदार्थ पिएं: शरीर में पानी की कमी न होने दें। गर्म पेय पदार्थ जैसे सूप या हर्बल चाय भी फायदेमंद हो सकते हैं।खट्टे फलों से बचें: खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू आदि का सेवन न करें, क्योंकि यह लार ग्रंथियों में जलन बढ़ा सकता है।
गर्म पानी की पट्टी लगाएं: सूजन और दर्द को कम करने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर गर्म पानी की पट्टी रखें।शारीरिक गतिविधियों से बचें: भारी शारीरिक कार्य या व्यायाम से बचें, क्योंकि इससे थकान बढ़ सकती है।
हल्का और मुलायम भोजन करें: ऐसा भोजन करें जिसे चबाने में आसानी हो, जैसे दलिया, खिचड़ी।दूसरों के साथ भोजन/पेय साझा न करें: वायरस फैल सकता है, इसलिए भोजन या पेय दूसरों के साथ शेयर न करें।
मुंह की स्वच्छता बनाए रखें: हल्के गर्म पानी से गरारे करें और मुंह की सफाई का ध्यान रखें।धूम्रपान और शराब से बचें: ये चीजें सूजन और संक्रमण को बढ़ा सकती हैं।
डॉक्टर की सलाह लें: अगर लक्षण गंभीर हों, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।स्वयं दवाएं न लें: बिना डॉक्टर की सलाह के दवाओं का सेवन न करें।

गलसुआ (Mumps) Related FAQ

1. गलसुआ कितने दिन में ठीक होता है?

Ans : गलसुआ (Mumps) आमतौर पर 7 से 10 दिनों में ठीक हो जाता है। हालांकि, पूरी तरह से स्वस्थ होने में 2 से 3 सप्ताह लग सकते हैं, और लक्षणों की गंभीरता व्यक्ति पर निर्भर करती है।

2. गलसुआ में क्या खाना चाहिए?

Ans : गलसुआ के दौरान हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन सबसे अच्छा होता है। ऐसे खाद्य पदार्थ चुनें जो गाल और जबड़े में दर्द को बढ़ाएं नहीं, जैसे कि दलिया, खिचड़ी, दही, और उबले हुए सब्जियों का सूप। मुलायम और पौष्टिक खाद्य पदार्थ जैसे पके हुए फल और शहद भी अच्छे होते हैं।पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ का सेवन भी महत्वपूर्ण है ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।

3. गलसुआ में क्या नहीं खाना चाहिए?

Ans : गलसुआ के दौरान खट्टे फल जैसे संतरे और नींबू, मसालेदार भोजन, और बहुत अधिक तले-भुने खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ लार ग्रंथियों में जलन बढ़ा सकते हैं और सूजन को worsen कर सकते हैं।

4. गलसुआ का घरेलू उपाय?

Ans : गलसुआ के घरेलू उपायों में तुलसी के पत्तों को चबाना, हल्दी दूध पीना, और लौंग के तेल से सूजन की जगह की मालिश करना शामिल है। अदरक का रस और शहद मिलाकर सेवन करने से भी राहत मिलती है। इसके अतिरिक्त, पानी की गर्म पट्टी सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होती है। इन उपायों से सूजन में आराम मिलता है और लक्षणों में कमी आ सकती है।

Naveen Shakya
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